ऑल्टो कार वाले की औकात

पंडितजी शिकायत कर रहे थे कि ऑल्टो वाले कस्टमर बहुतै चिरकुट होते हैं। नई कार की पूजा कराने के पांच सौ भी ऐसे देते हैं जैसे अहसान कर रहे हों। एस एक्स फोर वाले दो हजार की रकम यूं ही देकर चले जाते हैं।

कारें पर्सनैलिटी ही नहीं बतातीं, अर्थव्यवस्थाएं भी बताती हैं। ऑल्टो वाला एवरेज पर झांय-झांय करता है। एस एक्स फोर वाला स्टाइल के मसलों की तहकीकात करता है। बीएमडब्लू वाला ये भी देखता है कि कहीं बहुत ज्यादा लोग तो नहीं लेकर टहल रहे हैं इस कार को।

ऑल्टो वाला मगन रहता है ये सोचकर कि खूब बिकती है ये कार, सो इसके कल पुरजे सब जगह सस्ते टाइप्स मिल जाते हैं। बीएमडब्लू वाले को अगर ये पता लग जाए कि इसके कल पुरजे भी उतनी ही दुकानों पर मिल रहे हैं, जितनी दुकानों पर ऑल्टो के मिलते हैं तो बीएमडब्लू वाले का दिल डूब सकता है।

ऑल्टो वाला किसी आम मोटरसाइकल के साथ भी फ्रेंडली हो सकता है लगभग आसपास का ही मामला है। पर बीएमडब्लू कार वाला ऑल्टो वाले के साथ भी फ्रेंडली नहीं होता। हालांकि रोल्स रॉयस वाला बीएमडब्लू वाले के साथ वैसा ही सलूक करता है जैसा सलूक बीएमडब्लू वाला ऑल्टो वाले के साथ करता है।

ऑल्टो वाला कारों की दुनिया का सर्वहारा है। उसके पास खोने के लिए थोड़ी सी इज्जत के अलावा कुछ नहीं होता, जिसका बड़ा हिस्सा वह ऑल्टो खरीदकर पहले ही खो चुका होता है। जिस पापा ने ऑल्टो खरीदी हो, उसकी इज्जत उसके बच्चों की निगाह में दो कौड़ी की भी नहीं रहती। आप चेक कर लीजिए। इन दिनों ऑल्टो खरीदने वाले इस कार को खरीदकर बहुत खुशी-खुशी अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को नहीं बताते।

पर कारों की दुनिया में हरेक को न्याय मिलता है। रोल्स रॉयस वाले की नक्शेबाजी भी कहीं थमती है। एक रोल्स रॉयस वाला उससे शरमाता है, जिसके पास रोल्स रॉयस का पूरा फ्लीट हो। खैर, वह वाले पंडितजी पंटो, फोर्ड, स्विफ्ट, फॉक्सवैगन के कस्टमरों के बारे में विस्तार से बता रहे थे। पंडितजी अब मारुति के उस शोरूम के बाहर मिलते हैं, नई कार की पूजा कराने के लिए हमेशा तत्पर टाइप।

पहले वह मारुति मंदिर के पुजारी थे। मारुति शोरूम का एक मैनेजर मारुति मंदिर में आता था पूजा के लिए पंडितजी से कुछ वार्ता हुई। अगले दिन से मारुति शोरूम में बैठने लगे पंडितजी। कार की पूरी सेल कीमत में दो हजार पूजा के जुड़ने लगे। शोरूम वाला एक हजार लेता है, एक हजार पंडितजी को मिलते हैं। दसियों गाडि़यां बिकती हैं रोज।

मैंने पंडितजी से पूछा - जी, ये मारुति मंदिर छोड़कर आप मारुति शोरूम चले गए क्यों? मारुति शोरूम में कमाई ज्यादा है। पंडितजी ने बताया। पंडितजी भी जल्दी आल्टो से एस एक्स फोर पर्सनैलिटी हो जाएंगे।
जय मारुति। मारुति शोरूम।

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