पेट के ख़ातिर

हमनें जिन्हें चुना था कभी पेट के ख़ातिर ;
वो हमको ही खाने लगे हैं पेट के ख़ातिर .

धरती निचोड़ कर के बढ़े हो तो छाँव दो ;
क्यों ताड़ बन खड़े हो महज़ पेट के ख़ातिर .

माँ - बाप ने जिनको पढ़ाया पेट काट के ;
बच्चे पहुँच से दूर बसे पेट के ख़ातिर .

मैं जिसके दिल - दिमाग में बसता था रात - दिन ;
वो इक धनी से ब्याह उठी पेट के ख़ातिर .

जो भी उसूल हमनें बनाए थे जोश में ;
सब धीरे - धीरे बिकते गए पेट के ख़ातिर .

ग़र नींद उसे ख़्वाब में दावत खिलाये तो ;
सोता रहे गरीब सदा पेट के ख़ातिर .

आँखों में भूख ले के भटकती थी दर - ब - दर ;
पगली का पेट फूल गया पेट के ख़ातिर .

Comments

Popular posts from this blog

उसकी आँखों के बारे में क्या जानते हो ?

♥ ♥ Tanha dil tanha safar ♥ ♥

Wo mehndi lage hath dikha k Roi :(